माटी का एक नाग बनाके,
पुजे लोग लुगाया...
जिंदा नाग जब घर मे निकले,
ले लाठी धमकाया...!
जिंदा बाप कोई न पुजे,
मरे बाद पुजवाये...
मुठ्ठी भर चावल लेके,
कौवे को बाप बनाय...!
पाथर पूजे हरी मिले,
तो मै पूजू पहाड़...
घर की चक्की कोई न पूजे,
जाको पीस खाए संसार...!
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